Rain Water Collection: सरकार द्वारा किसानों को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण योजना खेत तलाई योजना है, जिसका उद्देश्य किसानों को वर्षा जल संचयन के प्रति जागरूक करना और सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। इस योजना के तहत किसानों को अपने खेत में तालाब या फॉर्म पॉण्ड बनाने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है, ताकि वे वर्षा के पानी का संग्रहण करके उसे कृषि कार्यों में उपयोग कर सकें।
वर्षा जल संचयन की आवश्यकता
भारत में जल संकट एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। मानसून की अनिश्चितता और भूजल स्तर में लगातार गिरावट के कारण किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता। ऐसे में, वर्षा जल का संचयन करना एक स्थायी समाधान साबित हो सकता है। खेत तलाई योजना के माध्यम से किसान वर्षा के पानी को अपने खेत में ही संग्रहित कर सकते हैं, जिससे न केवल भूजल स्तर में सुधार होगा बल्कि सिंचाई की समस्या भी दूर होगी।
खेत तलाई योजना के लाभ
-
सिंचाई की सुविधा: वर्षा जल संचयन करने से किसानों को सूखे मौसम में भी फसलों को पानी देने में आसानी होती है।
-
फसल उत्पादकता में वृद्धि: वर्षा का पानी फसलों के लिए अधिक उपयोगी माना जाता है, जिससे पैदावार बढ़ती है।
-
मिट्टी के कटाव को रोकना: तालाब बनाने से वर्षा का पानी तेज बहाव के साथ बहकर मिट्टी को नहीं बहाता, जिससे खेत की उर्वरा शक्ति बनी रहती है।
-
अतिरिक्त आय के स्रोत: तालाब में मछली पालन जैसे व्यवसाय शुरू करके किसान अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।
-
जल संरक्षण: इस योजना से पानी की बर्बादी रुकती है और क्षेत्र जल संकट से मुक्त होता है।
सब्सिडी का विवरण
राज्य सरकार द्वारा इस योजना के तहत विभिन्न श्रेणियों के किसानों को अलग-अलग सब्सिडी प्रदान की जाती है:
-
कच्ची खेत तलाई के लिए:
-
लघु एवं सीमांत किसानों को 70% सब्सिडी (अधिकतम ₹73,500)।
-
अन्य किसानों को 60% सब्सिडी (अधिकतम ₹63,000)।
-
-
प्लास्टिक लाइनिंग युक्त तालाब के लिए:
-
लघु एवं सीमांत किसानों को 90% सब्सिडी (अधिकतम ₹1,35,000)।
-
अन्य किसानों को 80% सब्सिडी (अधिकतम ₹1,20,000)।
-
इस योजना का लाभ लेने के लिए तालाब की न्यूनतम क्षमता 400 घन मीटर होनी चाहिए, जबकि अधिकतम सीमा 1200 घन मीटर तक निर्धारित है।
आवेदन प्रक्रिया
खेत तलाई योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को निम्नलिखित पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा:
-
आवेदक राजस्थान का मूल निवासी होना चाहिए।
-
उसके पास स्वयं की कृषि भूमि होनी चाहिए।
-
एकल खातेदार के लिए न्यूनतम 0.3 हेक्टेयर और संयुक्त खातेदारी के लिए 0.5 हेक्टेयर भूमि आवश्यक है।
ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
खेत तलाई योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को निम्नलिखित पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा:
-
आवेदक राजस्थान का मूल निवासी होना चाहिए।
-
उसके पास स्वयं की कृषि भूमि होनी चाहिए।
-
एकल खातेदार के लिए न्यूनतम 0.3 हेक्टेयर और संयुक्त खातेदारी के लिए 0.5 हेक्टेयर भूमि आवश्यक है।
Roadways Bus Conductor: रोडवेज बस कंडक्टर पदों पर भर्ती 10वीं 12वीं पास करें आवेदन
ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
-
राज किसान पोर्टल पर जाएँ और रजिस्ट्रेशन करें।
-
SSO आईडी के माध्यम से लॉगिन करें।
-
“आवेदन एंट्री रिक्वेस्ट” का विकल्प चुनें।
-
आधार कार्ड, व्यक्तिगत जानकारी और योजना का नाम भरें।
-
सभी विवरण जमा करने के बाद आवेदन पूरा करें।
यदि किसान ऑनलाइन आवेदन करने में असमर्थ हैं, तो वे नजदीकी ई-मित्र केंद्र की सहायता ले सकते हैं।
निष्कर्ष
खेत तलाई योजना किसानों के लिए एक बेहतरीन अवसर है, जिसके माध्यम से वे वर्षा जल का संचयन करके सिंचाई की समस्या को दूर कर सकते हैं। इससे न केवल कृषि उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि जल संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी का लाभ उठाकर किसान आर्थिक रूप से मजबूत बन सकते हैं और देश के जल संकट को दूर करने में योगदान दे सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें या नजदीकी कृषि विभाग से संपर्क करें।
Leave a Comment