CIBIL Score Rule: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में क्रेडिट रिपोर्टिंग प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन नए नियमों के तहत अब सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को प्रत्येक 15 दिन में क्रेडिट ब्यूरो का डेटा अपडेट करना अनिवार्य होगा। यह बदलाव 1 जनवरी 2025 से लागू हो चुका है। यदि आप लोन या क्रेडिट कार्ड लेने की योजना बना रहे हैं, तो इन नए नियमों को समझना आपके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सिबिल स्कोर नियमों में क्या बदलाव हुए हैं?
पहले बैंक और वित्तीय संस्थान हर महीने क्रेडिट ब्यूरो को डेटा भेजते थे, लेकिन अब आरबीआई ने इस अवधि को घटाकर 15 दिन कर दिया है। इसका मतलब यह है कि अब आपके क्रेडिट स्कोर की गणना और अपडेशन प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक तेज होगी। यह बदलाव उपभोक्ताओं के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि अब लोन चुकाने या क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करने के बाद आपके क्रेडिट स्कोर में तुरंत सुधार दिखाई देगा।
नए नियमों के क्या फायदे हैं?
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तेजी से क्रेडिट स्कोर अपडेट – पहले अगर आपने कोई लोन चुकाया या क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान किया, तो इसकी जानकारी क्रेडिट ब्यूरो को देर से मिलती थी। इस वजह से कई बार लोगों का क्रेडिट स्कोर गलत तरीके से कम दिखाई देता था, जिससे नया लोन लेने में दिक्कत होती थी। अब यह समस्या नहीं होगी।
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अधिक सटीक क्रेडिट रिपोर्ट – चूंकि डेटा हर 15 दिन में अपडेट होगा, इसलिए बैंकों के पास उधारकर्ताओं की नवीनतम वित्तीय स्थिति की जानकारी होगी। इससे लोन स्वीकृत करने की प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी होगी।
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बेहतर क्रेडिट मैनेजमेंट – अगर आप समय पर भुगतान करते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर तेजी से सुधरेगा, जिससे भविष्य में किसी भी वित्तीय सुविधा का लाभ लेना आसान होगा।
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सिबिल स्कोर की श्रेणियां क्या हैं?
सिबिल स्कोर 300 से 900 के बीच में होता है। इसे निम्नलिखित श्रेणियों में बांटा गया है:
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750 और उससे अधिक: उत्कृष्ट – इस स्कोर वाले उधारकर्ताओं को लोन या क्रेडिट कार्ड आसानी से मिल जाता है और ब्याज दर भी कम लगती है।
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700 से 749: अच्छा – इसे सुरक्षित माना जाता है और ज्यादातर बैंक इस स्कोर वाले लोगों को लोन दे देते हैं।
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650 से 699: औसत – इस स्कोर पर लोन मिल सकता है, लेकिन ब्याज दर थोड़ी अधिक हो सकती है।
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600 से 649: निम्न – इस स्थिति में लोन मिलने की संभावना कम हो जाती है।
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600 से कम: खराब – इस स्कोर पर लोन या क्रेडिट कार्ड मिलना मुश्किल होता है।
इन नए नियमों का उपभोक्ताओं पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
इन बदलावों का सबसे बड़ा लाभ यह है कि अब ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर तेजी से अपडेट होगा। अगर आपने कोई लोन चुकाया है या क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान किया है, तो इसका सकारात्मक प्रभाव आपके स्कोर पर जल्द ही दिखने लगेगा। इसके अलावा, अगर आपका स्कोर कम है, तो आप समय रहते इसे सुधारने के उपाय कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आरबीआई के नए नियमों से भारतीय क्रेडिट रिपोर्टिंग सिस्टम और अधिक पारदर्शी एवं उपभोक्ता-अनुकूल बनेगा। अब आपको अपने क्रेडिट स्कोर की नियमित जांच करते रहना चाहिए और किसी भी गलती की स्थिति में क्रेडिट ब्यूरो से संपर्क करना चाहिए। अगर आपका स्कोर अच्छा है, तो आप भविष्य में किसी भी वित्तीय जरूरत के लिए आसानी से लोन प्राप्त कर पाएंगे।
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